राजनीतिक विद्वेष की भावना के चलते की गई थी कार्रवाई
उच्च स्तरीय सेवा देने वाला अस्पताल बंद करना जनता की सेहत के साथ खिलवाड
सहारा जीवन न्यूज
अमेठी। विद्वेष भावना के चलते अस्पताल पर हुई कार्रवाई 90 दिन का समय देने के बावजूद भी 24 घंटे में प्रशासन ने बंद किया अस्पताल बेरोजगार हुए अस्पताल के चार सौ से अधिक कर्मचारी
1980 के दशक में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने संजय गांधी की कर्मभूमि पर संसदीय क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराए जाने को लेकर साढे 350 बेड का संजय गांधी चिकित्सालय की आधारशिला रखी। उनका सपना था की अमेठी क्षेत्र के लोगों को दिल्ली और लखनऊ जैसी सुविधा मिले इसके लिए उन्होंने मेडिकल कॉलेज और पीजीआई का सपना समझाया था। करीब 40 वर्षों से संजय गांधी अस्पताल का संचालन हो रहा है लाखों मरीज का उपचार हुआ है और गंभीर से गंभीर रोगी यहां से स्वस्थ होकर घर गए हैं। यह अस्पताल लोगों के लिए वरदान है। इस अस्पताल में अमेठी संसदीय क्षेत्र के साथ ही दर्जनों जनपद के हजारों मरीज प्रतिदिन अस्पताल के लिए आते हैं। प्रतिदिन 650 से अधिक ओपीडी तो 200 से अधिक इमरजेंसी के साथ ही 1000 से अधिक विभिन्न जाच होती हैं। गंभीर मरीजों का प्रतिदिन करीब 12 से 15 का ऑपरेशन होता है। लोगों को उच्च स्तरीय सुविधा मिलती हैं। अस्पताल में उच्च स्तरीय सुविधा वाला ब्लड बैंक भी संचालित है। जिससे क्षेत्र के लोग लाभान्वित हो रहे हैं इन सब के बीच 14 सितंबर को मुसाफिरखाना कोतवाली के गांव रामशाहपुर निवासी अनुज शुक्ला की पत्नी दिव्या शुक्ला पथरी का ऑपरेशन करने के लिए अस्पताल आई थी। ऑपरेशन थिएटर में जाने के बाद उनकी हालत गंभीर हुई तो उन्हें लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। इस मामले में शासन और प्रशासन की ओर से 17 सितंबर को 90 दिन का समय देते हुए नोटिस जारी किया गया। लेकिन राजनीतिक विद्वेष भावना के चलते 24 घंटे के भीतर ही संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर सभी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिए गए जिसके चलते अस्पताल में तैनात करीब 450 सौ कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं तो वहीं प्रतिदिन आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो वही बाजार में सैकड़ो दुकानदारों की रोजी-रोटी पर भी संकट आ गया है। इसी को लेकर कर्मचारी संघ एवं अस्पताल का पूरा स्टाफ सत्याग्रह आंदोलन करने को बाध्य हुआ है। पीड़ित परिवार के साथ हम लोगों की पूरी संवेदना है। रोजी-रोटी का संकट एवं क्षेत्र के मरीज एवं जनता की समस्या को देखते हुए हम लोग आर पार की लड़ाई लड़ेगे। संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस बहाल नहीं हुआ तो हम लोग उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के इसारे पर ट्रस्ट की अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी को बदनाम करने के लिए यह सब शासन व प्रशासन पर दबाव बना कर कराया गया है। मांगे पूरी होने तक हम लोगों का प्रदर्शन जारी रहेगा। अस्पताल के वरिष्ठ कर्मचारी अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि संजय गांधी अस्पताल अपने स्थापना के बाद से ही सचल सेवा एवं अन्य माध्यमों से संसदीय क्षेत्र के लोगों को सेवा करता चला रहा है। मेडिकल कॉलेज के लिए स्वीकृति ईर्ष्या द्वेष भावना के चलते नहीं की गई। अस्पताल के साथ ही सरकारी एवं निजी अस्पतालों के अन्य मरीजों का भी उपचार एवं जांच होती है। भाजपा एवं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के इशारे पर 450 सौ कर्मचारियों को बेरोजगार करने के साथ ही संसदीय क्षेत्र के लोगों एवं अन्य जनपदों के मरीजों को स्वास्थ्य सेवा से महरूम कर अस्पताल बंद कर दिया गया। अगर केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा सरकार अमेठी की जनता एवं मरीज के साथ उपकार करना चाहती है तो संजय गांधी अस्पताल का संचालन एवं इसे मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति दे जिससे लोगों का हित हो सके। हम लोग आर पार की लड़ाई लड़ेंगे।