सहारा जीवन न्यूज
लालगंज, प्रतापगढ़। राज्यसभा मे विपक्ष के उपनेता, स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य प्रमोद तिवारी ने किसान आंदोलन के दौरान ट्विटर पर आंदोलन से जुडी सच्चाई को दबाने के मोदी सरकार के हथकण्डे को प्रजातंत्र की गला घोंटने वाली अलोकतांत्रिक कार्रवाई करार दिया है। श्री तिवारी ने कहा कि ट्विटर के सह संस्थापक रहे जैक डोर्सी ने जिस तरह से अपने साक्षात्कार में भारत समेत दुनिया के दो तीन अन्य राष्ट्रों के द्वारा अभिव्यक्ति की आजादी पर लगातार कुठाराघात के कड़वे सच का बयान किया है। प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह कड़वी सच्चाई एक साल से अधिक चले किसान आंदोलन को भी दबाने की आखिर मोदी सरकार की पैतरेबाजी को बेनकाब कर गयी है। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने डोर्सी समेत दो तीन सीईओ के किसान आंदोलन के दौरान पत्रकारों और वरिष्ठ राजनेताओं एवं समीक्षकों के विचारों को प्रतिबन्धित करने के लिए उगली गयी सच्चाई आजाद भारत में भाजपा की सरकार के द्वारा अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठाराघात साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि बीजेपी हुकूमत ने सिर्फ एक पूंजीपति का हित साधने की जिद में लम्बे किसान आंदोलन में साढ़े सात सौ से अधिक अन्नदाताओं की शहादत की भी परवाह नही की और वह आज तक किसानों को फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारण्टी का कानून देने से परहेज किये हुए है। वहीं राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने केंद्र की मोदी सरकार पर यह भी तंज कसा कि वह विपक्षी एकता की धुरी मजबूत होती देख अब विपक्ष के नेताओं को फर्जी मुकदमों तक में फंसाने का कुचक्र चला रही है। उन्होंने विपक्षी एकता के मजबूत केन्द्र तमिलनाडु में वहां के एक मन्त्री के घर ईडी के छापे तथा कांग्रेस के ही एक सांसद और एक प्रदेश के अध्यक्ष के खिलाफ दर्ज कराए गए फर्जी मुकदमें को भी तानाशाही का नंगा नाच कहा है। मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से बुधवार को यहां जारी बयान में मणिपुर में लगातार जारी हिंसा के बीच वहां शान्ति समिति से दो महत्वपूर्ण घटकों के अलग होने को गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा मणिपुर मे अशांति को लेकर असफलता का सीधे जिम्मेदार भी करार दिया है। उन्होंने कड़े अंदाज में कहा कि मणिपुर में शांति बहाली का ढकोसला का प्रचार प्रसार कराने के बाद अब गृहमंत्री अमित शाह की नजर तक मणिपुर के हालात से हट गयी है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने मोदी के कार्यकाल में दो सौ पचीस दिन में दो सौ पचपन घोटालों पर भी कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि व्यापम के साथ दवाओं तथा जनता से जुडे सभी महत्वपूर्ण संस्थान घोटालों के शिकार हुए हैं।