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वर्षा जल संचयन विषय पर वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित

अमेठी। नेहरू युवा केंद्र द्वारा कैच द रैन अभियान के अंतर्गत किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला विकास अधिकारी तेजभान सिंह ने कहा कि आज गांव स्तर पर वर्षा के पानी को रोकने की योजना बनाने की जरूरत है। गांवों में पहले कच्चे मकान थे उसकी मरम्मत एवं बनाने के लिए मिट्टी की जरूरत होती थी, जिससे प्रत्येक वर्ष गांव के तालाबों की सफाई और गहराई बढ़ जाती थी।वह तालाब वर्षा जल संचयन के लिए उपयोगी होता था। आधुनिक जीवन शैली ने जल की उपयोगिता तो बढ़ा दिया है पर उसमें वाटर हार्वेस्टिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। आज उन फसलों की खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है ,जिसमें पानी का प्रयोग कम से कम होता है। गांवों में लोगों के इस माइंड सेट में भी बदलाव लाने की जरूरत है हम पानीदार हैं हमारे यहां पानी की कोई कमी नहीं है। वर्षा जल संचयन के लिए सरकार के साथ ही लोगों की भी भागीदारी आवश्यक है। नेहरू युवा केंद्र अमेठी की उप निदेशक डॉ आराधना राज ने स्वागत करते हुए कहा कि युवाओं को वर्षा जल संचयन के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करने की जरूरत है। नेहरू युवा केंद्र वर्षा जल संचयन के लिए जागरूकता कार्यक्रम के साथ ही श्रमदान का कार्यक्रम निरंतर आयोजित कर रहा है। अमेठी जल बिरादरी के संयोजक डॉ अर्जुन पाण्डेय ने कहा कि हम प्रकृति के हिस्से हैं। प्रकृति ही हमारी भगवान है। हरियाली बढ़ाने, पानी बचाने, और नदियों एवं नालों को प्रदूषण मुक्त करने की जरूरत है। नदियां का नालों में तब्दील होना चिंता का विषय है। पानीदार बनने के लिए भू-जल संरक्षण जरूरी है। चौमासे की बर्षा के जल को २०प्रतिशत जल धरती के पेट में डाल कर भू-गर्भ जल स्तर को ऊपर उठाया जा सकता है। समाजशास्त्री डॉ धनन्जय सिंह ने कहा कि हमारी भूगर्भ जल पर निर्भरता अधिक है, सिंचाई हो या पेयजल अधिकांश की पूर्ति भूगर्भ जल से होती है। निरंतर भूगर्भ जल स्तर गिरने से जल संकट बढ़ता जा रहा है।आज वर्षा जल संचयन के लिए जनभागीदारी द्वारा जल कुंड,चैकडेम तालाबों की सफाई को लेकर कार्य योजना बनाने की जरूरत है जिससे गांव का पानी गांव में रोककर भूगर्भ जल के स्तर को बढ़ाया जा सके। रानी सुषमा देवी की प्राचार्या डॉ पूनम सिंह ने कहा कि वर्षा जल संचयन के लिए लोगों को जागरूक करना आवश्यक है। रिसर्च फेलो डॉ मनीष गुप्ता ने कहा कि ग्राम स्तर पर जीपीडीपी के तहत हम वर्षा जल संचयन के लिए कार्य योजना बना सकते हैं। करके में कार्यक्रम में डॉ पूजा सिंह , डॉ सुधा, ललित कुमार सहित अनेक लोग मौजूद रहे।

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