अमेठी।अमेठी के भेटुआ ब्लॉक के गोवर्धनपुर निवासी संतोष सिंह के यहां चल रही नौ दिवसीय श्री राम कथा के तीसरे दिन अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक राम कथा मर्मज्ञ आचार्य शान्तनु जी महाराज ने श्रद्धालुओं को भगवान श्री राम के जन्म के प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए कहा कि राम कथा प्रतीक्षा और प्रेम की कथा है। दशरथ की प्रतिक्षा पर चार भाइयों के साथ उनके घर जन्म लेकर प्रेम दिया। वशिष्ठ, विश्वामित्र, सीताजी, जनक, निषादराज, जटायु, हनुमानजी, बाली, सुग्रीव, अंगद व विभीषण की प्रतीक्षा सफल हुई और सभी को भगवान का प्रेम प्राप्त हुआ। इतना ही नहीं रावण को भी प्रतीक्षा का फल मिला और राक्षसी प्रवृत्ति के बाद भी राम नर उसका अपने हांथों से उद्धार किया। मास दिवस का दिवस भा, मर्म न जानै कोय। रथ समेत रवि थाक्यों, निशा कवनि विधि होय। राम जन्म के बाद जब एक माह तक सूर्यास्त नहीं हुआ तो चंद्रमा को चिंता हुई और उन्होंने भगवान से पूछा कि हमें दर्शन कब मिलेगा। आप सूर्य को कहें कि वे जाएं और हमें मौका दें। राम जी ने कहा कि सूर्य हमारे पूर्वजों में सबसे वरिष्ठ हैं हम उन्हें आदेश नहीं कर सकते। आप प्रतीक्षा करें इस बार मैंने सूर्य वंश में जन्म लिया है द्वापर में चन्द्र वंश में जन्म लेकर आपको अपने स्नेह से संतुष्ट कर दूंगा। चंद्रमा ने कहा कि मैं किस सहारे पर इतने दिन प्रतिक्षा कर पाऊँगा, कोई आधार दें तो भगवान राम ने कहा कि मैं तुम्हे अपने नाम का आधार दे रहा हूँ आज से मेरे नाम के साथ तुम्हारा नाम जुड़ जायेगा और इसके बाद भगवान का नाम श्री रामचन्द्र हो गया।