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बंद हो गई 90 दशक पुरानी पत्रकारिता की पाठशाला, शीतला सिंह का निधन

सहारा जीवन न्यूज
अयोध्या।पत्रकारिता के लिए यश भारती पुरस्कार से सम्मानित जनमोर्चा अखबार के संस्थापक प्रधान संपादक पूर्व प्रेस कौंसिल आफ इण्डिया के सदस्य शीतला सिंह का मंगलवार को निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे। शीतला सिंह के निधन की खबर से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर छा गई।
मिल्कीपुर तहसील के हैरिंग्टनगंज ब्लॉक के एक छोटे से गाँव खडभड़िया में पैदा हुए शीतला सिंह ने कड़ी मेहनत और लगन के बाद हिंदी दैनिक जनमोर्चा को शीर्ष पर पहुँचा दिया। 15 अप्रैल 1953 से वह बतौर संपादक अखबार को दिशा निर्देश देते रहे तो जनमोर्चा उर्दू के वर्ष 1980 से 1982 तक संपादक रहे। भारतीय प्रेस परिषद में वर्ष 1998 से 2004 तक और 2007 से 2014 तक सदस्य रहे। शीतला सिंह उत्तर प्रदेश पत्रकार मान्यता समिति में भी वर्ष 1990 से 2008 तक सदस्य रहे। यही नहीं कार्य कुशलता की वजह से उन्हें उत्तर प्रदेश विज्ञापन मान्यता समिति में भी वर्ष 1984 से 1994 तक सदस्य बनाया गया था। गृह जनपद अयोध्या में पत्रकारिता प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना करने वाले शीतला सिंह अखिल भारतीय भाषाई समाचार पत्र संगठन के महासचिव पद को भी सुशोभित किए। वर्ष 1998 से 2000 तक संस्थान को विभिन्न उपायों से शीर्ष पर ले जाने वाले सिंह ने भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संगठन के अध्यक्ष सहित उपाध्यक्ष पद को भी सुशोभित किया। वह उत्तर प्रदेश परीक्षा प्रणाली पत्रकार साहित्यकार समिति में भी वर्ष 1994 में सदस्य रहे। विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी की वजह से उन्हें काशी विद्यापीठ और अवध विश्वविद्यालय के संबद्ध संस्थान इग्नू में अतिथि प्राध्यापक भी बनाया गया था। कार्यकुशलता की वजह से हिंदी समाचार पत्र सम्मेलन के वर्ष 1990 से 2004 तक अध्यक्ष रहने के साथ ही बाबरी मस्जिद राम जन्मभूमि समाधान समिति के संयोजक के कुशल दायित्व का निर्वहन किया। पाँच बार विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य रहे। शीतला सिंह ग्रामीण क्षेत्रों से भी जुड़े रहे। इस बात का प्रमाण है उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में भी विभिन्न उपायों से ग्रामीणों को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराएं। 18 वर्षों तक निर्विरोध ग्राम प्रधान रहने वाले शीतला सिंह जिला परिषद और ब्लॉक प्रमुख के सदस्य के रूप में भी वर्ष 1959 से 1961 तक कार्य किए। उत्तर प्रदेश ग्राम प्रधान संघ के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने वर्ष 1967 से 1976 तक संघ का नेतृत्व किया। साथ ही स्नातकोत्तर महाविद्यालय शिक्षण संगठन के अध्यक्ष के रूप में भी संगठन का नेतृत्व किया। विश्व पटल पर चर्चित अयोध्या से भी उनका तमाम व्यवस्थाओं के बावजूद नाता बना रहा। परिणाम स्वरूप वर्ष 1985 से 2020 तक वह अयोध्या रामायण मेला समिति के महामंत्री बने रहे। बीते कुछ वर्षों से अस्वस्थ होने की वजह से वह घर पर ही रहकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे। अस्वस्थ होने के कारण मंगलवार की दोपहर उनका निधन हो गया। 6 अगस्त 1932 को जन्मे शीतला सिंह का पूरा परिवार इन दिनों शहर के बेगमगंज मकबरा स्थित निजी आवास पर रहता है। फिलहाल शीतला सिंह के निधन के बाद से पत्रकारों में शोक है और संवेदना व्यक्त करने वालों का उनके निजी आवास पर ताता लगा हुआ है।

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