सहारा जीवन न्यूज
कानपुर। जिस आम जनता के बल पर कोई नेता, जन प्रतिनिधि, सांसद विधायक और मंत्री बनता है। वही लोग उन समस्याओं का निराकरण नहीं करते जो लोगों के लिए अक्सर जानलेवा भी साबित होती हैं। इसके शिकार केवल संबंधित क्षेत्र के मूल निवासी लोग ही नहीं बल्कि जो अन्य प्रांतों और जनपदों से भी वहां जाकर रहते हैं। वह भी इन हालातों का शिकार होने से नहीं बच पाते। यहां नाले का गंदा पानी भी सड़कों पर बहने के साथ ही सफाई न होने के चलते घरों में भी घुस रहा है।
आरडब्ल्यूए के प्रधान और कानपुर देहात के मूल निवासी अजय सिंह बताते हैं कि पुलिया सालों से टूटी होने की वजह से इससे प्रतिदिन गुजरने वाले लगभग 20 हजार से ज्यादा लोगों को अपने गंतव्य पर आने-जाने के लिए लगभग 2 किलोमीटर से भी ज्यादा का अतिरिक्त सफर करना पड़ता है। साथ ही भीषण बदबू क्षेत्र में बीमारियों का भी कारण है।
वहीं आरडब्ल्यूए के जॉइंट सेक्रेटरी ललित मोहन शर्मा का कहना है कि हरियाणा सरकार के अधिकार क्षेत्र वाली 5 साल से टूटी पड़ी दयालबाग की यह पुलिया जानलेवा तो है ही साथ ही इस पूरे सेक्टर में गंदगी की भी भरमार है। उन्होंने बताया कि आवागमन के लिए राहगीरों ने नाले पर बिजली का जो पोल डाल रखा है। इसे पार करते कई लोग नाले में गिरकर घायल भी हो चुके है। यही नहीं दयालबाग पुलिया टूटी होने की वजह से यहां से वहनों का आना जाना बिल्कुल बंद है।
इस पुलिया को बनवाने को लेकर प्रतिनिधियों और अधिकारियों की अनदेखी और लापरवाही को आम जनता के हित के खिलाफ बताते हुए
आरडब्ल्यूए सदस्य कानपुर के मूल निवासी कारोबारी मनोहर मिश्र राज ने बताया पुलिया टूटी होने की वजह से ही ना केवल उन्हें बल्कि एंजाइना लोगों को भी अब 2 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ती है। अब जहां तक दयालबाग की इस टूटी पुलिया के निर्माण को लेकर नगर निगम की भूमिका का सवाल है। एस ई ओमवीर इसके निर्माण कोशिश करने के बजाय इसे स्थगनादेश होने जैसे किसी विवाद से जोड़ते हैं। और कहते हैं कि विवाद खत्म होने के बाद ही नगर निगम यहां से अतिक्रमण हटाएगा और पुलिया का निर्माण कराएगा। फिलहाल इन हालातों में टूटी पुलिया से पैदा जन समस्या का निस्तारण कब हो पाएगा। यह आने वाला वक्त ही बताएगा।