अवधी आमजन की भाषा रही है और आज भी है – प्रदीप सारंग
बाराबंकी। अवधी आमजन की भाषा रही है और आज भी है। तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना अवधी में की तो काशिमशाह दरियाबादी, मलिक मुहम्मद जायसी ने अवधी में प्रेमाख्यान लिखकर अवधी को समृद्ध किया है। उक्त विचार प्रदीप…