सहारा जीवन न्यूज
मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं मिलने से ग्रामीण परेशान
गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने में एंबुलेंस बुलाने में आती है दिक्कत
हिंदुस्तान आज चांद पर पहुँच गया है और लोग 5 जी से लेकर 6 जी तक प्रयोग कर रहे है लेकिन अमेठी। जनपद का एक ऐसा गांव भी है जहाँ किसी भी मोबाइल कंपनी का नेटवर्क नहीं है । संचार क्रांति के इस दौर में आज जब भारत 6 जी की टेस्टिंग के अंतिम चरण में पहुंच चुका है। हर तरफ नेटवर्क का जाल बिछा हुआ है, शहर ही नहीं गांव-गांव तक ब्रॉडबैंड का कनेक्शन पहुंचाया जा रहा है।वही आज भी इस गांव में मोबाइल नेटवर्क की कनेक्टिविटी नहीं मिलने से ग्रामीण परेशान है। सोशल मीडिया और संचार क्रांति के इस दौर में मोबाइल नेटवर्क के अभाव में शासन की ऑनलाइन योजनाओं और सुविधाओं का लाभ भी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है।जननी एक्सप्रेस, 108 एंबुलेंस और 112 डायल की जरूरत पड़ने पर ग्रामीणों को नेटवर्क की तलाश में भटकना पड़ता है।
बाजार शुकुल विकासखंड के तेंदुआ ग्राम पंचायत के पूरे भोजा सहित आसपास के गांवों में मोबाइल नेटवर्क चुनौती बना हुआ है।ग्राम तेंदुआ के पूरे भोजा अंदीपुर अन्य गांवो में रहने वाले हजारों लोग मोबाइल नेटवर्क नहीं मिलने से परेशान है। आधुनिकता के इस दौर में गांव-गांव मोबाइल नेटवर्क पहुंचाने के दावे यहां खोखले साबित हो रहे है। ग्राम पंचायतों में भी नेट की सुविधा नहीं होने से ऑनलाइन योजनाओं के लाभ से ग्रामीण वंचित है।ग्रामीणों ने बताया कि दिन के समय अगर किसी को बहुत जरूरी बात करनी हो तो गांव से एक किलोमीटर दूर पर जाना पड़ता है। रात के समय कोई इमरजेंसी होने पर सुबह का इंतजार करना पड़ता है।
मरीजो को सबसे ज्यादा परेशानी
सबसे ज्यादा दिक्कत बीमार और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए जननी एक्सप्रेस और एंबुलेंस बुलाने में आती है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर ऐसे हालात रहे तो डिजीटल इंडिया का सपना कैसे पूरा होगा। क्षेत्र के ग्रामीणों अनिल कुमार,हरिकेश तिवारी विजय शुक्ला सुमित, मनोज , सतीश ने बताया कि सड़क किनारे तो बीएसएनएल, वोडा, जियो, एयरटेल के कनेक्शन मिलते हैं। लेकिन गांव में इन कंपनियों के मोबाइल धारकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कभी नेटवर्क आ जाता है तो कभी बिल्कुल नेटवर्क नहीं मिलता है।
नहीं मिलता ओटीपी मैसेज, हितग्राही व ग्राहक परेशान
केंद्र और राज्य की अनेक योजनाओं में मिलने वाली सब्सिडी से लेकर समर्थन मूल्य पर बेची जाने वाली उपज आदि की जानकारी के लिए मोबाइल पर ओटीपी और मैसेज आते है। क्षेत्र में नेटवर्क नहीं मिलने से हितग्राहियों और ग्रामीणों को परेशानी होती है। एक ओर जहां सरकार ऑनलाइन प्रक्रिया को बढ़ावा दे रही है वहीं तेंदुआ में मोबाइल और नेटवर्क ही नहीं मिल पा रहा है।
परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन फार्म भरने में परेशानी
विभिन्न परीक्षाओं और योजनाओं की प्रक्रिया ऑनलाइन हो चुकी है। तेंदुआ के पूरे भोजा में नेट नहीं चलने से जनसेवा केंद्र ऑनलाइन सेंटर भी नहीं चला पा रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइन बैकिंग, बिजली के बिल जमा करने सहित अन्य जरूरी कार्य नहीं हो पा रहे है। साथ ही युवाओं को रोजगार के अवसर भी नहीं मिल पा रहे है। कई गांवों में तो मोबाइल का कवरेज मिलना बंद हो जाता है, लोगों को आपात स्थिति में परेशानी होती है।
टावर कनेक्टिविटी बढ़ाने की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि इन क्षेत्रों में लगे टावरों की कनेक्टिविटी बढ़ाई जानी चाहिए। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में लगे प्राइवेट कंपनियों के टावरों की कनेक्टिविटी नहीं होने से असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इन प्राइवेट कंपनियों के अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।