सहारा जीवन न्यूज
लखनऊ।प्रदेश की राजधानी स्थित हजरतगंज मेट्रो स्टेशन पर इन दिनों दस दिवसीय टाइगर इन मेट्रो अखिल भारतीय पेंटिंग एवं छायाचित्रों की प्रदर्शनी चल रही है। यह प्रदर्शनी मेट्रो स्टेशन पर आने वाले सभी यात्रियों के लिए सबके आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। सेव टाइगर प्रोजेक्ट पर आधारित इस प्रदर्शनी में देश के 13 राज्यों क 42 फोटोग्राफर एवं चित्रकारों की 76 कलाकृतियों को शामिल किया गया है। पिछले चार दिनों में हजारों की संख्या में लोगों ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कलाकारों के सृजनात्मकता और छायाचित्रकारों की कुशल फोटोग्राफी को लोग काफी पसंद कर रहे हैं साथ इसके पीछे कलाकारों के भाव की भी सराहना हो रही है। टाइगर इन मेट्रो प्रदर्शनी के क्यूरेटर भूपेंद्र अस्थाना ने बताया कि यह देश की पहली कला प्रदर्शनी है जिसमें देश के समकालीन कलाकार और छायाकार इतनी बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं। यह टाइगर के जीवन के प्रति इनकी संवेदनशीलता और गहरी भावना का भी परिचय देता है। अस्थाना ने प्रदर्शनी में प्रदर्शित कलाकृतियों के बारे में बताते हुए कहा कि मध्य प्रदेश इंदौर से चित्रकार मनीषा का व्यापक शोध हमारे आस-पास के जीवों पर नकारात्मक मानव प्रभाव के जटिल विवरण का रूप लेता है। दृश्य उनके काम में केंद्र स्थान लेते हैं। बिहार मिथिला से अबधेश कुमार करन अपनी कृति पर बताते हैं कि इन मनोरम मिथिला चित्रों में, हम राजसी बाघ के सार और जटिल ब्रशस्ट्रोक और जीवंत रंगों के माध्यम से ‘‘बाघ को बचाएं‘‘ के तत्काल संदेश को देखते हैं। पहली कलाकृति में एक शक्तिशाली बाघ को अपनी प्यारी माँ के पास खड़ा दिखाया गया है, जो शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक है। उनके बीच का बंधन स्पष्ट है, जो मातृ देखभाल और मार्गदर्शन के महत्व को दर्शाता है। दूसरी पेंटिंग में, एक बाघ परिवार केंद्र में है, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए इन शानदार प्राणियों को संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर देता है।प्रत्येक परिवार के सदस्य को सावधानीपूर्वक चित्रित किया गया है, जिसमें बाघों की सुंदरता और अनुग्रह पर जोर दिया गया है, जबकि उनके निवास स्थान और कल्याण की रक्षा करने की अनिवार्यता पर जोर दिया गया है। दोनों पेंटिंग एक शानदार संदेश देती हैं, हमसे बाघों की लुप्तप्राय स्थिति को पहचानने और उनके प्राकृतिक आवासों के संरक्षण के लिए सक्रिय कदम उठाने का आग्रह करती हैं। मिथिला पेंटिंग की कलात्मकता इस संदेश को और बढ़ाती है, जिसमें जटिल पैटर्न और जीवंत रंग पशु साम्राज्य के भीतर पाई जाने वाली विविधता और सुंदरता को दर्शाते हैं। बाघ मिथिला कला में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, जो शक्ति और साहस का प्रतिनिधित्व करते हैं, श्रद्धा और प्रशंसा की भावना पैदा करते हैं।