सहारा जीवन न्यूज
अमेठी। रणवीर रणंजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (आरआरपीजी) में डी एस टी एवं एस ई आर बी नई दिल्ली के तत्वावधान में पर्यावरणीय चुनौतियां एवं सतत् विकास विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सिम्पोजियम के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने कहा कि जीवन को सुरक्षित रखने के लिए पर्यावरणीय नैतिकता को हमें अपने जीवन का अंग बनाना होगा। आज गंगा में बढ़ते प्रदूषण ने गंगा को कैंसर का स्रोत दिया गया है। आज मां गंगा के वैश्विक महत्व को देखते हुए उसे प्रदूषण मुक्त बनाने में भारत के अतिरिक्त ऑस्ट्रेलिया, यूके, फिनलैंड, जर्मनी, इजराइल आदि देश सहयोग दे रहे हैं। मुख्य अतिथि प्रोफेसर आर के पांडेय ने कहा कि ऊर्जा का उचित प्रबंधन न होने से जलवायु परिवर्तन की घटनाएं बढ़ रही है। ऊर्जा का सही उपयोग विकास को नई दिशा दे सकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रोफेसर पी के श्रीवास्तव ने कहा कि इस सिम्पोजियम में पर्यावरणीय चुनौतियां के विविध पक्षों पर चर्चा देश के विकास को नई दिशा देगा। प्रो ऐ के श्रीवास्तव ने कहा कि जल प्रदुषण की विस्तृत चर्चा की। संगोष्ठी की आख्या प्रस्तुत करते हुए आयोजन सचिव डॉ चन्द्रशेखर सिंह ने बताया कि इस सिम्पोजियम में तीन सौ से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया। दुसरे दिन के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए डॉ धनन्जय सिंह ने कहा कि आधुनिक जीवन शैली भारतीय पर्यावरण को बीमार बना रही है। पर्यावरणीय चुनौतियां का हल भारतीय ज्ञान परंपरा में है।आज सभी देश सार्वभौमिक एवं समावेशी विकास मॉडल को अपनाने पर जोर दे रहे हैं। डॉ सुधीर सिंह ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि आज हमको यह सोचना चाहिए कि हमको विरासत में पर्यावरण के रुप में क्या मिला और हम आने वाली पीढ़ी को क्या देकर जायेंगे।सिम्पोजियम में तकनीकी सहयोग राजेन्द्र कुमार, विनोद कुमार मिश्रा ने दिया। इस सत्र में डॉ लाजो पांडेय, डॉ सीमा सिंह, डॉ सन्तोष कुमार सिंह, डॉ आशा गुप्ता, डॉ ओ पी त्रिपाठी, डॉ अनादि कुमार मिश्रा, डॉ देवेन्द्र कुमार मिश्रा, डॉ वीरेंद्र बहादुर सिंह, डॉ शिप्रा सिंह, डॉ ओमशिव पांडेय, डॉ अशोक कुमार सिंह, विवेक कुमार सिंह छात्रा अंजली मिश्रा,सेफाली सहित अनेक प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किया।सिंपोजियम में पूर्व प्राचार्य डॉ त्रिवेणी सिंह, डॉ शिखा शुक्ला, डॉ रामसुन्दर यादव, डॉ अशोक कुमार सिंह,डॉ रणविजय सिंह, डॉ नीतू सिंह, डॉ आकांक्षा श्रीवास्तव, डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ बीरेंद्र बहादुर सिंह, डॉ उमेश सिंह, डॉ राधेश्याम प्रसाद, डॉ भगवती थीटे, डॉ मानवेन्द्र प्रताप सिंंह, डॉ विजय कुमार सिंह, डॉ ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, डॉ निधि सिंह सहित अनेक शिक्षक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।समापन सत्र का संचालन प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप यादव ने किया। सभी के प्रति आभार डॉ अरविन्द कुमार सिंह ने व्यक्त किया।