राजेश सरकार
प्रयागराज, संवाददाता। केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू जी इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के स्थापना के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के समापन अवसर पर शनिवार को मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के 150 वर्ष पूरे होने पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मुझे यहां दूसरी बार आने का मौका मिला और इलाहाबाद हाईकोर्ट के गौरवशाली इतिहास को महसूस कर रहा हूं। देश का सबसे बड़ा हाईकोर्ट होने के नाते जब यहां से कोई अच्छा कार्य व सफलता प्राप्त होती है तो वह पूरे देश के लिए उदाहरण बन जाता है। उन्होंने कहा कि इसलिए इसके गौरवशाली इतिहास को बनाये रखना व आगे ले जाना हम सब की जिम्मेदारी है। कहा कि सरकार, बार व बेंच हम सब एक ही है और हम सभी मिलकर देश के लिए कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि इस देश के मालिक इस देश के लोग है और हमारा गाईड हमारा संविधान है तथा हम सभी लोग सेवक है और जनता की सेवा करने के लिए आयें है। उन्होंने कहा कि हम सभी में से ही कोई जज है, अधिवक्ता है या उच्चाधिकारी है। हम सभी लोग बड़े खुशकिस्मत है कि हमें जनता की सेवा करने का इतना बड़ा अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि आज देश में लगभग 4 करोड़ 90 लाख केसों की पेंडेंसी है, जो एक चुनौती के रूप में है। उन्होंने कहा कि अन्य माध्यमों के साथ-साथ टेक्नोलाॅजी के माध्यम से भी पेंडेंसी को कम करने के लिए उपाय किए जा रहे है। आप सबका भी सहयोग इस कार्य में सराहनीय रहा है। हम सबकों मिल जुलकर इस सम्बंध में और अधिक प्रयास करने होंगे। कहा कि इस सम्बंध में ई-कोर्ट का कार्य बहुत तेजी से हो रहा है। उन्होंने न्यायपालिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि न्यायपालिका ने कोविड के समय जब संक्रमण उच्च स्तर पर था, तब भी इसे चुनौती के रूप में लेते हुए न्याय देने की प्रक्रिया को जारी रखा और कई करोड़ मामलों को निस्तारित किया। मंत्री ने कहा कि ई-कोर्ट फेज-3 की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गयी है और इसके लिए आवश्यक बजट की व्यवस्था की गयी है। इसकी शुरूआत हो जाने पर दूर-दराज जनपद से आने वाले लोगो को फायदा होगा। ई-कोर्ट फेज-3 के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की अग्रणी भूमिका होगी। उन्होंने बताया कि 65 हजार लीगल शब्दों का शब्दकोष तैयार किया जा रहा है, जिससे कि लीगल टर्मीनोलाॅजी को आसानी से समझा जा सके। मंत्री ने कहा कि गैर जरूरी अंग्रजों के समय से चले आ रहे कानूनों को समाप्त करने का कार्य किया है। हमें ऐसी व्यवस्था बनाने पर विचार करना होगा, जिससे आम आदमी/गरीब आदमी व दूर-दराज से आने वाले लोगो के छोटे-छोटे मुकदमें लोकल स्तर पर ही समाप्त हो जाये। इस कार्य हेतु लीगल सर्विशेज कैम्प लगाकर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज यहां पर जो भी हाईकोर्ट के विकास से सम्बंधित मुद्दे उठाये गये है, उस पर विचार करना मेरी जिम्मेदारी है, इसलिए लाईबे्ररी व अन्य विषयों को आगे बढ़ाने का कार्य किया जायेगा। हम सभी को जल्द से जल्द न्याय दे सके, इस मुहिम पर हम सभी मिलकर कार्य करते रहे।
उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी ने बार एसोसिएशन हाईकोर्ट के 150 वर्ष पूरा होने पर बधाई देते हुए कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अपनी गौरवशाली प्रतिष्ठा को निभा रहा है। मैं इसके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए गर्व का विषय है कि मैं भी इस बार एसोसिएशन का सदस्य रहा हूं तथा उन्होंने यहां के बारे में अपने अनुभव साझा किए।
उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति विक्रमनाथ ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद के 150 वर्ष पूरा होने पर बधाई देते हुए इलाहाबाद बार एसोसिएशन के अतीत के बारे में अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि जैसा की मुझे बताया गया है कि वर्तमान समय में इस एसोसिएशन में लगभग 31 हजार अधिवक्ता है, जो कि एक बहुत विशाल संख्या है। उन्होंने कहा कि इस बार एसोसिएशन ने 150 वर्षों में अनेक नगीने दिए है, उन सभी लोगो का ह्रदय से नमन करता हूं, जिन्होंने इसे इस मुकाम तक ले जाने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। हम इसके उज्जवल भविष्य की कामना करते है।
इस अवसर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के 150 वर्ष पूरा होने पर बधाई देते हुए कहा कि मैं अपने आपको सौभाग्यशाली मानता हूं कि इस कार्यक्रम में मुझे भी प्रतिभाग करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि हम सभी को इस पर भी विचार करने की आवश्यकता है कि हम कहां से चले थे और कहां पर पहुंचे है और कहां पर पहुंच सकते थे। हमेशा हमारा उद्देश्य शीर्ष पर पहुंचना ही होना चाहिए।
इस अवसर पर न्यायमूर्ति इलाहाबाद उच्च न्यायालय प्रीतिंकर दिवाकर ने बार एसोसिएशन के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि इस बार एसोसिएशन ने बहुत से महान विभिूतियों को दिया है। उन्होंने कहा कि इतने बुद्धिजीवी एक साथ एक छत के नीचे इकट्ठा होते है, यह बहुत ही गौरव की बात है। उन्होंने अधिवक्ताओं से अपील करते हुए कहा कि मुकदमों के निस्तारण में वे सभी अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें।
इस अवसर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री राधाकांत ओझा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट एवं इलाहाबाद बार एसोसिएशन के गौरवशाली इतिहास के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन न केवल भारतवर्ष बल्कि एशिया का सबसे बड़ा बार एसोसिएशन होने का गौरव प्राप्त कर चुका है।