सहारा जीवन न्यूज
अमेठी।अन्तर्राष्ट्रीय ‘‘क्लिन एयर फॉर ब्लू स्काइज’’ अभियान के तहत जनपद मुख्यालय स्थित मनीषी इंटर कॉलेज में छात्र छात्राओं को वायु प्रदूषण से बचाव की जानकारी दी गई। जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विमलेंदु शेखर ने बताया कि वायु प्रदूषण के कारण आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी, चलने पर थकावट और सीने में दर्द जैसे लक्षण दिखें तो तत्काल सरकारी अस्पताल में संपर्क करना चाहिए। इन लक्षणों का निःशुल्क इलाज उपलब्ध है और इनका समय से इलाज होना आवश्यक है। मास्क का इस्तेमाल न सिर्फ कोविड व टीबी के संक्रमण से बचाव करता है बल्कि वायु प्रदूषण से भी बचाव में सहायक है । उन्होंने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय ‘‘क्लिन एयर फॉर ब्लू स्काइज’’ दिवस की थीम ‘‘द एयर वी शेयर-कीप इट क्लिन’’ है। इसका आशय है कि सभी लोग मिलकर हवा की शुद्धता सुनिश्चित करें ताकि विभिन्न बीमारियों से बचाव किया जा सके । अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी द नेशनल प्रोग्राम ऑन क्लाइमेट चेंज एंड ह्यूमन हेल्थ डा राम प्रसाद ने बताया कि श्वसन रोग के मरीजों, पांच वर्ष से छोटे बच्चों, हृदय रोग के मरीजों, गर्भवती व बुजुर्ग के लिए वायु प्रदूषण उच्च जोखिम भरा है। इससे आंखों में जलन, श्वसन रोग, त्वचा रोग और हृदय रोग होता है। इस कारण ग्लोबल वार्मिंग, अम्लीय वर्षा, स्मॉग, कृषि भूमि के क्षरण, जीवों का विलुप्तीकरण और भवनों के क्षरण जैसी समस्याएं भी आ रही हैं। इससे बचाव के लिए सार्वजनिक परिवहन के प्रयोग, धुंआ रहित ईंधन के प्रयोग, अधिकाधिक पौधारोपण, उद्योगों के अपशिष्ट गैस के ट्रीटमेंट के बाद ही निष्कर्षण, पटाखा, कूड़ा, पत्ती, पराली न जलाना जैसे उपाय करने होंगे। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा पीके उपाध्याय ने बताया कि वैश्विक स्तर पर बच्चों में होने वाली हर दस में से एक मृत्यु वायु प्रदूषण से उत्पन्न स्वास्थ्य समस्याओं के कारण होती है । वयस्कों के अंग की तरह बच्चों के अंग पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं और उनका श्वसन मार्ग अधिक संकरा होता है। ऐसे में प्रदूषकों के प्रवेश से उनके ऊतक खराब हो जाते हैं और उनमें सूजन पैदा हो जाती है।