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भारत को 2025 तक टीबी मुक्त करने का चल रहा अभियान

सहारा जीवन न्यूज
अमेठी।क्षय रोगियों को खोजने के लिए जनपद में मंगलवार से विशेष अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) क्षय रोगियों को खोजकर स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) पर स्पुटम (बलगम) जांच कराएंगे और जांच में क्षय रोग की पुष्टि होने पर तत्काल उपचार शुरू कराएंगे। यह विशेष अभियान 30 सितंबर तक चलेगा। अभियान के तहत जिले में 2700 नमूनों की जांच का लक्ष्य निर्धारित है। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राम प्रसाद ने बताया कि क्षय रोगियों की पहचान के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को निक्षय आईडी बनाना भी सिखाया गया है, ताकि वह निक्षय पोर्टल पर जाकर क्षय रोगियों का पंजीकरण भी कर सकें और तत्काल उपचार शुरू करा सकें। आशा और एएनएम घर जाकर क्षय रोगियों के संपर्कों और लक्षण युक्त लोगों के स्पुटम एकत्र करेंगी, सीएचओ के माध्यम से स्पुटम जांच के लिए नमूने टीबी केंद्र भेजे जाएंगे। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राम प्रसाद ने बताया कि 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने के लिए प्रारंभिक अवस्था में ही क्षय रोगियों की पहचान जरूरी है ताकि तत्काल उनका उपचार शुरू कर क्षय रोग के फैलाव को रोका जा सके। उन्होंने बताया टीबी दो प्रकार की होती है। पल्मोनरी टीबी और एक्सट्रा पल्मोनरी टीबी। पल्मोनरी टीबी में फेफड़े संक्रमित होते हैं, जबकि एक्सट्रा पल्मोनरी टीबी शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित करती है। पल्मोनरी टीबी का संबंध फेफेड़ों से होने के कारण यह सांस के जरिए एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। इसलिए इसका प्रसार अधिक है। जल्दी उपचार शुरू कर हम इसका फैलाव रोक सकते हैं। एक्विव केस फाइंडिंग अभियान (एसीएफ) और विशेष अभियानों के जरिए विभाग अधिक से अधिक रोगियों की पहचान का प्रयास करता है। 23 अगस्त से 30 सितंबर तक चलने वाले विशेष अभियान का भी यही उद्देश्य है। डीटीओ ने बताया विशेष अभियान में सीएचओ क्षय रोगियों के संपर्क में आने वालों (परिजनों) की जांच कराएंगे। उनके स्पुटम की जांच कर क्षय रोग संक्रमितों की प्रारंभिक अवस्था में ही पहचान कर उनका उपचार शुरू किया जाएगा।

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