सहारा जीवन न्यूज
अमेठी। जनपद को क्षय रोग से मुक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम को व्यापक रूप दिया जा रहा है। इस क्रम में जनपद के 102 हेल्थ वेलनेस सेंटर के माध्यम से हर व्यक्ति तक पहुंच कर क्षय रोगियों की पहचान की जा रही है। क्षय रोग की पुष्टि होने पर मरीजों का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है ।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा राम प्रसाद ने बताया कि जनपद में अभी तक 1200 लोगो की पहचान की गई है। इनमें 900 लोगो को गोद लिया गया। जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रहरी द्वारा 276 व बीजेपी अध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी द्वारा 464 क्षय रोगियों को गोद लिया गया है। उन्होंने कहा कि निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्साधिकारियों को ओपीडी के 10 प्रतिशत मरीजों की बलगम जांच के लिए रेफर करने का निर्देश दिया गया है जिससे कि लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त किया जा सके। जनपद में जांच हेतु सीएचसी अमेठी, सीएचसी गौरीगंज, सीएचसी तिलोई, सीएचसी, जगदीशपुर को केंद्र बनाया गया है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. प्रसाद ने बताया कि किसी को दो सप्ताह से अधिक समय तक बुखार, खांसी होना, वजन कम होना, भूख न लगना, रात में पसीना आना, आदि लक्षण वाले लोगों के बलगम में खून आने के लक्षण के आधार पर हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर की जा रही है। स्क्रीनिंग के बाद ऐसे लोगों की माइक्रोस्कोप जांच, सीबीनाट और ट्रूनाट जांच कराई जा रही है। जांच में क्षय रोग से प्रभावित पाए जाने पर उनका तत्काल इलाज शुरू किया जाता है।
कम्यूनिटी हेल्थ आफिसर अन्नीबैजल मोनिश शर्मा ने बताया कि क्षय रोग पूरा इलाज करने से इस बीमारी से मुक्ति पायी जा सकती है । इसके बावजूद कुछ लोग भ्रांतियों के चलते इलाज कराने से झिझकते हैं । ऐसे में उन्हें टीबी रोग से मुक्ति पा चुके टीबी चैंपियन के माध्यम से इलाज व निक्षय पोषण योजना के बारे में जानकारी दी जाती है।
ये सात लक्षण करते है टीबी का इशारा-
लंबे समय तक सूखी खांसी आना।
खांसी का साथ बलगम और खून आना।
सांस लेने पर सीने में दर्द होना।
भूख कम लगना और वजन घटना।
रात में हल्का बुखार रहना।
थकान और शरीर दर्द रहना।
बेचैनी और सुस्ती महसूस होना।