सहारा जीवन न्यूज
अमेठी। 29 जुलाई 2022 जनपद में बच्चों को विटामिन-ए की कमी से होने वाले दुष्प्रभाव से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग तीन अगस्त से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के विटामिन ए के सम्पूर्ण कार्यक्रम का आयोजन करेगा।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विमलेंदु शेखर ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत बाल स्वास्थ्य पोषण माह के दौरान नौ माह से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को विटामिन-ए की खुराक दी जाएगी। यह खुराक सिरप के रूप में होगी। अभियान में समेकित बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि विटामिन-ए आंखों की रोशनी, शरीर के विकास और मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जरूरी पोषक तत्व है। भोजन से आयरन का अवशोषण करने के लिए भी विटामिन-ए की जरूरत होती है यानि विटामिन-ए की कमी से जहां बच्चे अंधेपन का शिकार हो सकते हैं, वहीं ऐसे बच्चों को कोई भी संक्रामक रोग आसानी से अपनी चपेट में ले सकता है।
-विटामिन-ए की कमी के लक्षण :
विटामिन-ए की कमी से नजर कमजोर होने लगती हैं। आंखें सूखी रहने लगती हैं और आंसू बनना बंद हो जाते हैं। त्वचा भी शुष्क रहने लगती है। इसके अलावा आंखों में जलन और आंखों के आसपास सूजन आना भी विटामिन-ए की कमी का लक्षण हो सकता है। थकान, होंठ फटना, मुंह में दाने निकलना और घाव देर से भरना भी विटामिन-ए की कमी के कारण हो सकता है। मां का दूध न पीने वाले बच्चों में विटामिन-एक की कमी का खतरा ज्यादा होता है।
-कैसे करें बचाव :
विटामिन-ए की कमी से बचाव के लिए गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियों, गहरे रंग के फलों जैसे संतरा, पपीता, गाजर कद्दू, अतिरिक्त विटामिन-ए वाला दूध, अंडे की जर्दी, ब्रोकली और शकरकंद आदि को भोजन में शामिल करें। मांस, मछली और अंडे का सेवन विटामिन-ए की कमी नहीं होने देता।