सहारा जीवन न्यूज
सुल्तानपुर। जिले में बुधवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर केशकुमारी बालिका इन्टर कॉलेज में छात्राओं को कृमि मुक्ति की दवा खिलाकर अभियान का शुभारंभ किया गया । यह दवा 1 वर्ष से 19 वर्ष उम्र तक के सभी लोगों को खानी है।अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. लक्ष्मण सिंह ने बताया कि जिले में 17.99 लाख बच्चों और किशोरों को कृमि मुक्ति की दवा यानि पेट से कीड़े निकालने की दवा खिलाने के उद्देश्य से यह अभियान शुरू हुआ है। इस अभियान के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों और पंजीकृत स्कूलों, ईंट भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिकों और घुमन्तू लोगों को दवा खिलाई जा रही है।डीसीपीएम अनिल कुमार ने बताया कि कुछ खाकर ही यह दवा खानी है। 3 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यह दवा पीसकर पिलानी है जबकि 3 वर्ष से ऊपर के बच्चों को यह दवा चबाकर खानी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता किरन वर्मा ने बताया कि हम लोगों को दवा खिलाने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। हम सब कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दवा खिला रहे हैं। जो लोग दवा नहीं खा सके हैं, उनको मॉपअप राउंड में दवा खिलाने का प्रयास करेंगे। लाभार्थी रचना श्रीवास्तव ने बताया कि मेरे बच्चे को आज उसके स्कूल में कृमि मुक्ति की दवा खिलाई गई है। दवा सेवन के दौरान और उसके बाद भी कोई दिक्कत नहीं हुई है।डॉ. लक्ष्मण सिंह ने बताया कि बच्चे अक्सर कुछ भी उठाकर मुंह में डाल लेते हैं या फिर नंगे पांव ही संक्रमित स्थानों पर चले जाते हैं। इससे उनके पेट में कीड़े विकसित हो जाते हैं। इसलिए एल्बेन्डाजॉल खाने से यह कीड़े पेट से बाहर हो जाते हैं। अगर यह कीड़े पेट में मौजूद हैं तो बच्चे के आहार का पूरा पोषण कृमि हजम कर जाते हैं। इससे बच्चा शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर होने लगता है।कार्यक्रम में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. लाल जी, डी.इ.आई.सी. मैनेजर डॉ. मीर अली, डी.पी.एम्. संतोष कुमार यादव, अर्बन हेल्थ कोऑर्डिनेटर विकास यादव, डी.सी.पी.एम्. अनिल कुमार, एच.ई.ओ. अरुण यादव, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता, विद्यालय प्रधानाचार्य, शिक्षक और छात्राएं उपस्थित रहीं।