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आन बान शान स्वाभिमान बचे,ऐसे किसी नेता में सुभाष हमें चाहिए- प्रेम कुमार त्रिपाठी 

सहारा जीवन न्यूज

आन बान शान स्वाभिमान बचे,ऐसे किसी नेता में सुभाष हमें चाहिए- प्रेम कुमार त्रिपाठी

अमेठी। नगर स्थित डाक बंगले में अवधी साहित्य संस्थान अमेठी की ओर से कवि गोष्ठी का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती जी एवं गोस्वामी तुलसीदास जी की प्रतिमा पर पूजा अर्चना एवं माल्यार्पण तथा श्रेष्ठ रचनाकार सुरेश चन्द्र शुक्ल ‘नवीन’ की वाणी वंदना से हुआ।अतिथियों का स्वागत करते हुए अवधी साहित्य संस्थान के अध्यक्ष डॉ अर्जुन पाण्डेय ने कहा कि “कविता करना अति कठिन,कवि ईश्वर का नाम।कविता की अन्तरा से मिले,मां वीणा पाणि का धाम”।कवि गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रख्यात साहित्यकार प्रेम कुमार त्रिपाठी ने पढ़ा कि भारत की आन बान शान स्वाभिमान बचे,ऐसे किसी नेता में सुभाष हमें चाहिए। रामेश्वर सिंह निराश ने पढ़ा नए साल से याचना कर रहा हूं, सुखी भाव से कामना कर रहा हूं।डॉ केसरी शुक्ला ने पढ़ा की तुम्हारी फीस भरनी है तेरे जूते भी लाने है ,मेरे जूते का क्या है वह अभी चलने के लायक है। रामबदन शुक्ल ‘पथिक’ ने पढ़ा जिनि बाति करा टेउवा,बलम एक पउवा चढाइके।सुरेश शुक्ल नवीन ने पढ़ा की गंगा माई के लहरिया बड़ी जो सजन।ओज कवि अनिरुद्ध मिश्र ने पढ़ा कि राजनीति में शुचिता के पर्याय बन गए मनमोहन,जनहित दूरदर्शिता से अध्याय बन गए मनमोहन। अभिजीत त्रिपाठी ने पढ़ा सच कहता हूं औरों जैसे बिल्कुल नहीं है मेरे पापा, खीर चखी है मेले वाली बिल्कुल वही है मेरे पापा।शिव भानु कृष्ण ने पढ़ा – दिल पर गुजरी है जो ऐसा लिखता हूं मैं । यारों की बस मोहब्बत पर मरता हूं मैं।आशुतोष गुप्त ने पढ़ा ए मेरे हमदम ए मेरे साथी , दिया जो तुम हो तो मैं हूं बाती।जगदम्बा तिवारी मधुर ने पढ़ा भूलना कितना कठिन है,याद आता गांव है ।राम कुमारी संसृति ने पढ़ा मां बड़ी सी अच्छी होती है नित नयी सीख देती है।तेजभान सिंह ने पढ़ा नेताजी के बढ़ गए भाव ,जीत कर बैठे अपने ठांव जनता ढूंढ रही है।दिवस प्रताप सिंह ने पढ़ा,सब सदन में गरजते हैं कहां चंबल में रहते हैं।सर्दी भर समर्थक सभी कंबल में रहते हैं।समीर मिश्र ने पढ़ा काव बताई पहिले वाले न्यौता कै सब मजा चलि गंवा।कवि गोष्ठी में सुधीर रंजन द्विवेदी,चन्द्र प्रकाश पाण्डेय मंजुल,सुधा अग्रहरि,ध्रुव सिंह, एस पी मिश्र,अमर बहादुर सिंह आदि कवियों ने अपनी रसभरी कविताओं से श्रोताओं का मनमोह लिया।कवि गोष्ठी में अम्बरीष मिश्र,संपादक संतोष श्रीवास्तव, अनुभव मिश्र,कैलाश नाथ शर्मा, डॉ अभिमन्यु कुमार पाण्डेय एवं जगन्निवास मिश्र आदि की उपस्थिति विशेष उल्लेखनीय रही। कवि गोष्ठी का संचालन ओज कवि अनिरुद्ध मिश्र ने किया।कवि गोष्ठी के अन्त में संस्थान की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी।

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