सुलतानपुर/अमेठी। संग्रामपुर पुलिस की लापरवाही पर अपर सिविल जज- सुश्री प्रगति की अदालत ने संज्ञान लिया है। स्टे आदेश का अनुपालन न कराने पर थाना प्रभारी को कोर्ट ने दी अवमानना कार्यवाही की चेतावनी दी है। पीड़ित पक्ष की शिकायत के बावजूद संग्रामपुर पुलिस के जरिये स्टे से प्रभावित रास्ते की भूमि पर निर्माण कार्य रुकवाने के बजाय मनमाना बयान देने का आरोप थाना प्रभारी पर लगा है। थाने पर सुनवाई न होने के बाद पीड़ित पक्ष ने कोर्ट में अर्जी दी थी।
अमेठी जिले के संग्रामपुर थाना अंतर्गत स्थित मड़ौली गांव के रहने वाले अनिल कुमार व कृष्ण कुमार पांडेय ने विपक्षी सुभाष चन्द्र तिवारी व उनके दो भाइयों के खिलाफ वर्ष-2018 में एक मुकदमा दायर किया था जिसमें विपक्षियों पर वादी के हक की संपत्ति व रास्ते की भूमि पर जबरन निर्माण करने का आरोप लगा था। इस मामले में सिविल जज-दक्षिणी की अदालत ने बीते 15 मई को स्थगन के बिंदु पर सुनवाई कर उभय पक्षों को दौरान मुकदमा विवादित सम्पत्ति पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था। बावजूद इसके स्थानीय पुलिस से सेटिंग-गेटिंग कर विपक्षी ने विवादित भूमि पर निर्माण कर रास्ते को बाधित करना चाहते थे
जबरन हो रहे निर्माण की वादी कृष्ण कुमार पांडेय ने थाने पर शिकायत की थी। पीड़ित की शिकायत के बाद भी पुलिस ने निर्माण कार्य नहीं रुकवाया बल्कि कोर्ट से व्यक्तिगत अपने लिए स्पेशल आदेश लाने का बेतुका बयान देने लगे। पुलिस के इस गैर जिम्मेदाराना बयान से निराश पीड़ित कृष्ण कुमार पांडेय ने अपने अधिवक्ता अखिलेश शुक्ल के माध्यम से कोर्ट में दी अर्जी और पुलिस की सारी करतूत बताई। वर्तमान समय मे अपर सिविल जज (अवर खण्ड) कक्ष संख्या-27 में पत्रावली लम्बित है।
अपर सिविल जज सुश्री प्रगति ने अधिवक्ता अखिलेश शुक्ल के तर्को को सुनने के पश्चात पुलिस का रवैया देख मामले का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने थाना प्रभारी संग्रामपुर को स्टे आदेश का अनुपालन मौके पर जाकर कराते हुए हफ्ते भर के भीतर रिपोर्ट भी भेजने का आदेश दिया है। सम्बंधित प्रपत्रों के साथ एसओ संग्रामपुर को कोर्ट का आदेश भेजा गया और आदेश का अनुपालन न कराये जाने पर कोर्ट ने स्वतः कोर्ट अवमानना माने जाने की चेतावनी दी है। कोर्ट के कड़े रुख से पीड़ित पक्ष में न्याय की उम्मीद जागी है।