सहारा जीवन न्यूज
सोशल आडिट निरीक्षण में मिली खामियां, जल्द दूर करने का दिए निर्देश
अमेठीः निदेशक सोशल आडिट ग्राम्य विकास विभाग उत्तर प्रदेश जनपद के सभी ग्राम पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2023-24 में मनरेगा एवं प्रधानमंत्री आवास(ग्रामीण) के अंतर्गत कराए गए कार्यों का सोशल आडिट आरंभ हो गया है। जनपद के विकास खंड अमेठी विकास खंडों का सोशल आडिट आरंभ कर दिया गया है। ग्राम पंचायत में सोशल ऑडिट, ग्राम सभाओं द्वारा आयोजित होने वाली आवधिक बैठकें होती हैं। इन बैठकों में किसी परियोजना से जुड़े सभी विवरणों की जांच की जाती है। सोशल ऑडिट, प्रशासन और निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और अधिकारियों और पीआरआई प्रतिनिधियों की जवाबदेही तय करने का एक मंच है। यह भारत सरकार की विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं, जैसे महात्मा गांधी नरेगा और इन्दिरा आवास योजना के पारदर्शी, जनसहभागी और जवाबदेह तरीके से संचालन में भी अहम भूमिका निभाता है। सोशल ऑडिट से पंचायतों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ती है और हस्तांतरित धन का सही इस्तेमाल होता है। सोशल आडिट से कागजों पर दिखने वाले विकास औऱ वास्तविक धरातल पर होने वाले विकास के बीच की खाई पाटने का सोशल आडिट एक अचूक हथियार है। अमेठी विकास खंड के ग्राम पंचायत दरखा में जिले के लोकपाल (मनरेगा) ओजस्कर पाण्डेय व डिस्ट्रिक्ट सोशल आडिट काडिनेटर नीलम के साथ सोशल आडिट का निरीक्षण किया। इस औचक निरीक्षण के तहत ग्राम पंचायत दरखा में कार्य तो संतोषजनक पाया गया। परंतु कई रजिस्टर पुराने थे जिसे अपडेट करने का निर्देश दिए। मनरेगा से संबंधित सात रिजस्टरों में से कोई भी रजिस्टर न भरे मिले न ही अपडेट किया हुआ था। इस संबंध में हिदायत दे दी गई है कि सात दिनों के भीतर सारे रजिस्टर को अपडेट कर दें। डिस्ट्रिक्ट सोशल आडिट काडिनेटर नीलम ने कहा कि काम करने वाले श्रमिकों की नियमित हाजरी भरी जाए। रोजगार सेवक उपस्थित नहीं थीं इनके स्थान पर दूसरे रोजगार सेवक उपस्थित थे परंतु इसके अतिरिक्त सिचिव व तकनीकि सहायक भी उपस्थित नहीं रहे।जांच में जाब कार्ड रजिस्टर में कई लोगों के नाम में आपत्ति दर्ज हुई जिसमें एक ही मजदूर के दो जाब कार्ड संख्या दर्ज किया हुआ मिला। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंर्तगत मृतक के खाते में राशि हस्तांतरित की गई है। इसी जांच के लिए निर्देशित किया गया है। इसके साथ ही लोकपाल (मनरेगा) ने प्रधानमंत्री आवास योजना, महात्मा गांधी नरेगा योजना में हुए कार्य की स्वीकृति- तकनीकी, प्रशासनिक-वित्तीय, एस्टिमेट, कार्य आदेश, बिल-वाउचर, माप पुस्तिका, श्रम सामग्री भुगतान उपयोगिता प्रमाण पत्र, पूर्णता प्रमाण पत्र, परिसंपत्ति रजिस्टर, कैश बुक, स्टॉक रजिस्टर, अंतिम संपन्न सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट सहित अन्य रिकॉर्ड अंकेक्षण दल के जरिए चेक किया। इसके अतिरिक्त मनरेगा द्वारा हुए कार्यों का भौतिक सत्यापन भी किया गया। भौतिक सत्यापन में मनरेगा नागरिक सूचना बोर्ड में कमी को भी जल्द दूर करने का निर्देश दिए। इस अवसर पर लोकपाल (मनरेगा) ओजस्कर पाण्डेय ने ग्रामीणों को बताया कि सोशल आडिट करने का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों को लेकर के अक्सर लोगों के मन में कई तरह की शंकाएं होती हैं। ये शंकाएं काम की गुणवत्ता, कार्यप्रणाली और विकास कार्यों से मानकों से जुड़ी होती हैं। इसका अलावा सरकारी विकास कार्यों में भ्रष्टाचार को लेकर सबसे ज्यादा शंका लोगों के मन में होती है। अक्सर लोगों को इन सवालों का जवाब नहीं मिल पाता है। मगर अब सोशल ऑडिट के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों की जांच खुद ग्रामीण कर सकते हैं। सोशल ऑडिट एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें गांव के लाभार्थी से ही गांव की विकास योजनाओं की रिपोर्ट ली जाती है। बैठक में अंत में गांव में रैली निकाली गई जिससे लोगों में जागरूकता बढ़ सके। इस अवसर पर बीआरपी राजेश कुमार मौर्य, सोशल आडिट टीम के सुनीता, रीना तिवारी, राममिलन, व ग्राम प्रधान पूनम यावद व बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित थे।