-
एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन संपन्न
कुमारगंज अयोध्या आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज ,अयोध्या के सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के खाद्य एवं पोषण विभाग द्वारा माननीय कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के प्रेक्षा ग्रह में नवीन छात्रों के लिए दीक्षा आरंभ कार्यक्रम के अंतर्गत एनीमिया रोकथाम हेतु राष्ट्रीय रणनीति: फोर्टीफाइड चावल विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया । संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र का शुभारंभ मुख्य अतिथि माननीय कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह तथा अन्य अतिथियों द्वारा जल भरो कार्यक्रम के साथ हुआ, तत्पश्चात अधिष्ठाता सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय प्रोफेसर साधना सिंह ने मुख्य अतिथि कुलपति महोदय व अतिथि वक्ताओं मयंक भूषण, निरंजन बरियार ,प्रोफेसर नीतू सिंह तथा अन्य सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए एनीमिया के विषय में विस्तृत जानकारी दी उन्होंने एनीमिया के लक्षण तथा उसे दूर करने में हरी सब्जियों ,मोटे अनाजो ,गुड़ तथा अन्य आयरन युक्त भोज्य पदार्थों की भूमिका के विषय में चर्चा की। कार्यक्रम की अगली कड़ी में मुख्य अतिथि कुलपति महोदय ने समस्त प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हमें स्वस्थ रहना है ,तो हमें अपने रहन-सहन व खाने के तरीकों में परिवर्तन करना पड़ेगा हमें एनीमिया को दूर करने के लिए खट्टे फलों को अपने भोजन में शामिल करना होगा इनमें विटामिन सी पाया जाता है जिसमें रोग रोधक क्षमता होती है जो हमें रोगों से बचाती है महिलाओं के लिए इसका विशेष महत्व है। गर्भावस्था में महिलाओं को अपने भोजन का विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि यदि हम बच्चों को जन्म से एक हजार दिन तक विटामिन व खनिज लवण युक्त पौष्टिक भोजन पर्याप्त मात्रा में देते रहेंगे तो वह पूरे जीवन स्वस्थ रहेगा, उन्होंने कहा कि हमें सप्ताह में कम से कम 15 प्रकार का भोजन करना चाहिए साथ ही कहा कि हमें विभिन्न रंगों के भोज्य पदार्थ खाने चाहिए क्योंकि अलग-अलग रंग के भोज्य पदार्थ में अलग-अलग प्रकार के पौष्टिक तत्व होते हैं जो हमारे लिए अत्यंत फायदेमंद होते हैं। उन्होंने भोजन में पौष्टिक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए जैविक खेती पर भी बल दिया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। संगोष्ठी के तकनीकी सत्र में सर्वप्रथम मयंक भूषण मुख्य कार्यक्रम सहायक, संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम ने खाद्य विभाग उत्तर प्रदेश के कार्यक्रमों से अवगत कराते हुए बताया कि उनका विभाग 19 करोड़ लोगों को राशन प्रदान कर रहा है साथ ही वह इस राशन में फोर्टीफाइड चावल देता है। उन्होंने फोर्टीफाइड चावल कैसे बनता है उसके विषय में जो सामान्य जनता में भ्रांतियां हैं उन पर प्रकाश डाला एवं उन्हें दूर किया। उन्होंने बताया की हम फोर्टीफाइड चावल को कैसे पकाएं जिससे वह हमारे लिए पूर्णतया उपयोगी हो। तकनीकी सत्र की अगली कड़ी में निरंजन बरियार, कार्यक्रम योजना अधिकारी, संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम ने बताया की फोर्टीफाइड चावल की क्या उपयोगिता है। उन्होंने कहा कि यदि हम इस प्रकार का चावल प्रतिदिन भोजन में प्रयोग करेंगे तो हमें अलग से लोह लवण की गोली नहीं खानी पड़ेगी।प्रोफेसर नीतू सिंह, विभागाध्यक्ष , खाद्य एवं पोषण विभाग, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ ने बताया कि उन्होंने अपने प्रयोगशाला में फोर्टीफाइड चावल के विभिन्न व्यंजन बनाए हैं ,जो बहुत उपयोगी हैं यदि महिलाएं इन भोजन को बनाएंगी और खाएंगी तो उनकी लोह लवण की आवश्यकता ही पूरी हो जाएगी उन्हें एनीमिया की बीमारी होने का खतरा नहीं रहेगा। डॉ श्वेता चौधरी ,सहायक प्राध्यापक, खाद्य एवं पोषण विभाग ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। संगोष्ठी का संचालन डॉक्टर तृप्ति वर्मा ने किया।इस संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता गण डॉ प्रतिभा सिंह ,डॉ पी एस प्रमाणिक, डॉ संजय पाठक ,डॉ सीपी सिंह, निर्देशक प्रशासन एवं परवीक्षण डॉ ए के सिंह,अपर निदेशक प्रसार डॉ आर आर सिंह , विभिन्न संकायों के विभागाध्यक्ष,प्राध्यापक गण , शिक्षक शिक्षक गण,ओंकार सेवा संस्थान से आए सूर्यकांत त्रिपाठी जी , देवरिया तथा अयोध्या जनपद की ग्रामीण महिलाएं, कृषक तथा छात्र-छात्राओं सहित लगभग दो सौ प्रतिभागी उपस्थित रहे।