- ◊सुलतानपुर-हिंदी विभाग, आंध्र विश्वविद्यालय विशाखापट्टनम, विशाखा हिंदी परिषद, विशाखापट्टनम एवं अवधी साहित्य संस्थान, अमेठी के संयुक्त तत्वावधान में, आंध्र विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक सभागार में ‘हिंदी भाषा एवं साहित्य: एक विमर्श’ विषय पर कुलपति प्रो. शशि भूषण जी की अध्यक्षता एवं अहिंदी क्षेत्र के महान हिंदी लेखक, डॉ यार्लगुड्डा लक्ष्मी प्रसाद जी पूर्व सांसद एवं राजदूत के मुख्य आतिथ्य में, दिनांक 18 अक्टूबर 24 से 19 अक्टूबर 24 तक 6 सत्रों में दो दिवसीय संगोष्ठी (सेमिनार) का अभूतपूर्व आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। जिसमें मुरादाबाद से पधारे साहित्य भूषण प्रो. महेश दिवाकर जी मुख्य वक्ता, डॉ अर्जुन पांडेय जी मुख्य आयोजक एवं अध्यक्ष, अवधी साहित्य संस्थान अमेठी, नार्वे के प्रवासी साहित्यकार डॉ सुरेश चंद्र शुक्ल ‘शरद आलोक’ जी, प्रो डॉ सिम्हाचलम जी प्राचार्य, डॉ एस एम इकबाल जी वरिष्ठ साहित्यकार एवं अध्यक्ष विशाखा हिंदी परिषद, डॉ मधु सचिव, विशाखा हिन्दी परिषद, डॉ शेषारत्नम जी, प्रख्यात हिंदी साहित्यकारा, नौसेना विशाखापट्टनम के मुख्य संचार नियंत्रक कैप्टन राघव जी, डॉ आरूणि त्रिवेदी श्रेष्ठ भाषा विज्ञानी, डॉ विजया भारती अध्यक्ष हिंदी विभाग, डॉ के शान्ति, डॉ दीपा गुप्ता, बेंगलुरु से पधारे आ. राही राज जी अध्यक्ष कलश कारवॉं फाउंडेशन, श्रीमती प्रीति राज जी, भोपाल से वरिष्ठ साहित्यकार आ. प्रयास जोशी जी, डॉ पी के जयालक्ष्मी, डॉ संतोष, डॉ जयप्रकाश, युधिष्ठिर पांडेय जी आदि विद्वत जनों ने बहुमूल्य विचार साझा किये। कार्यक्रम का कुशल संयोजन, संचालन डॉ शिवम तिवारी जी ने किया। हरि नाथ शुक्ल हरि की वाणी वंदना व विचारों के साथ-साथ विविध सत्रों में हिंदी भाषा एवं साहित्य विषय पर विविध काव्य प्रस्तुतियों को खूब सराहा गया। अंतिम सत्र में वरिष्ठ विचारकों के साथ श्री शुक्ल जी को ‘आरिगपुडि रमेश चौधरी शिखर सम्मान 2024’ से नवाजा गया। जिसकी सूचना पाकर डॉ आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप, डॉ साहित्येंदु, डॉ ओंकार नाथ द्विवेदी, श्री मथुरा प्रसाद सिंह जटायू, श्री हनुमान प्रसाद सिंह अभिषेक, डॉ रामप्यारे प्रजापति, कवि नरेंद्र शुक्ल, कवयित्री सुनीता श्रीवास्तव, कवि पवन सिंह, कवि राजबहादुर राणा, लेखक सर्वेश कांत वर्मा आदि ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाइयां दीं।