सहारा जीवन न्यूज
अमेठी। जिलाधिकारी निशा अनंत व पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार सिंह ने तहसील मुसाफिरखाना अंतर्गत चकबंदी कार्यों को लेकर जनपद के सबसे पुराने गांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्याओं को सुना एवं उनके निस्तारण हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी केलकर सिंह ने बताया कि इस गांव में कुल 1464 खातेदार हैं तथा 3697 गाटा संख्या है गांव में कुल तीन मजरे हैं। उन्होंने बताया कि इस गांव में 1980 के दशक से चकबंदी की प्रक्रिया चली आ रही थी जो अब 2024 में पूर्ण हुई है सभी अभिलेख काफी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थे जिन्हें बड़ी मशक्कत के बाद दुरुस्त कराया गया है अब चकबंदी की प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत सारे अभिलेखों, नक्शा को तहसील में जमा कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन खतौनी ना होने के कारण इस गांव के लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था अब चकबंदी की प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत सभी अभिलेख व खतौनी ऑनलाइन फीड की जाएगी उसके उपरांत ग्रामीण शासकीय योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि धारा 52 का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा, शासन की स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत इस गांव में धारा 52 की कार्यवाही सम्पन्न हो जाएगी। चौपाल के दौरान जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक में ग्रामीणों से चकबंदी प्रक्रिया से संतुष्ट होने की जानकारी ली गई जिस पर सभी ग्रामीणों ने कहा कि चकबंदी प्रक्रिया से किसी को कोई परेशानी नहीं है। वही चौपाल में ग्रामीणों द्वारा बताया गया की 2003 में गांव में 159 लोगों को पट्टा आवंटन हुआ था जिनका राजस्व अभिलेखों में अभी तक अमलदरामद नहीं हो पाया है इसके लिए जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी मुसाफिरखाना व तहसीलदार मुसाफिरखाना को निर्देशित किया कि एक माह के अंदर आवश्यक कार्यवाही करते हुए कमियों को दुरूस्त कर निस्तारण करना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी न्यायिक दिनेश कुमार मिश्रा, उपजिलाधिकारी मुसाफिरखाना प्रीति तिवारी, क्षेत्राधिकारी मुसाफिरखाना, तहसीलदार मुसाफिरखाना सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।