लखनऊ: मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के स्थापना दिवस के अवसर ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से युवा आकांक्षाओं की पूर्ति’ विषयक ऑनलाइन संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में ज्ञान का भण्डार भरा हुआ है, जिसमें अनुसंधान करके बहुत सारी चीजें निकाली जा रही हैं। इस ज्ञान के भण्डार का सदुपयोग कर देश के नवनिर्माण और देश को आगे बढ़ाने के लिये काम कर सकते हैं। यहां पर विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि विश्वविद्यालय में युवा होते हैं और युवा के ऊपर देश का भविष्य टिका होता है। युवा को कौन सी दशा व दिशा देंगे, यह दारोमदार विश्वविद्यालय के ऊपर होता है। विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के अन्दर छिपी हुई प्रतिभा को प्रतिभा को पहचान कर उसे बाहर लाने का कार्य करते हैं।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति भविष्य की आवश्यकताओं तथा आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई। नई शिक्षा नीति में नवाचार पर विशेष बल दिया गया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति एक ही समय में कई क्षेत्रों में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है। इस नीति में अपनी रुचि और अपनी आवश्यकता के अनुसार विषय का चयन कर सकते हैं। गलत स्ट्रीम में प्रवेश करने पर दूसरे स्ट्रीम का चुनाव करने का विकल्प भी नई शिक्षा नीति में दिया गया है।
उन्होंने कहा कि कानपुर विश्वविद्यालय ने कई सारी महान विभूतियों को पैदा किया है, जिनके कृतित्व के कारण देश ही नहीं पूरी दुनिया के लोग उन्हें जानते हैं। यही भावना हमें हर बच्चे में डालनी चाहिये। उन्होंने कहा कि बच्चा एक बीज के समान होता है, जिसे उपयुक्त वातावरण मिलने पर वह वृक्ष बनकर छाया से लेकर तमाम सारी चीजें देता है। बच्चों में भी इसी तरह शक्ति डालनी चाहिये। नई शिक्षा नीति पूरा मौका देती है कि इन विषयों पर सोच कर काम कर सकें।
उन्होंने कहा कि आज हमारा देश आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। जब हम आजादी के 100 वें वर्ष में जब हम प्रवेश करेंगे, तब हमारा देश कैसा हो, उसके बारे में विचार मंथन और सोचने की आवश्कता है, जिससे कि हमारा देश एक समृद्धशाली व शक्तिशाली देश बनकर दुनिया के पटल पर आ सके। वह स्थान जो किसी समय हमारे देश को प्राप्त हो सके। यह तभी संभव होगा जब देश का हर व्यक्ति जो देश को समृद्ध बनाने और देश के विकास व निर्माण में लगे हुये हैं, हर व्यक्ति में सोच हो, हरेक अपने में सुधार करें, हरेक उस कदम की ओर आगे बढ़े।
उन्होंने कहा कि कानपुर विश्वविद्यालय तमाम महाविद्यालयों का समूह है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि विश्वविद्यालय से ऐसे व्यक्ति निकलेंगे, जो भारत के 5 ट्रिलयन डालर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य को पूरा करेंगे। आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर अमृतकाल में नये संकल्प को लेकर आगे बढ़ने की बात कही गई, उन सभी चीजों को आगे बढ़ायेंगे।
इससे पूर्व उन्होंने छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय को 56 वर्ष पूर्ण करने और 57वें वर्ष में प्रवेश करने पर बधाई और शुभकामनायें देते हुये कहा कि विश्वविद्यालय नई ऊंचाईयों को प्राप्त करें, वह सभी कार्य करे जिस उद्देश्य से इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है।
इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक सहित विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी एवं प्रोफेसरगण आदि उपस्थित थे।