सहारा जीवन न्यूज
अमेठी।विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस हर साल 10 सितंबर को मनाया जाता है. बदलती लाइफस्टाइल और खुद के लिए समय की कमी, लोगों में अवसाद का कारण बन रही है. पिछले कुछ सालों में भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में खुदकुशी की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। इस संबंध में जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा विमलेंदु शेखर ने बताया कि अक्सर बदलती लाइफस्टाइल और खुद के लिए समय की कमी, लोगों में अवसाद का कारण बन रही है. पूरे दिन बिजी शेड्यूल में मिल रहा स्ट्रेस लोगों में कई तरह के बदलाव लाता है. कई बार बढ़ते अवसाद के कारण भी लोग आत्महत्या कर लेते हैं।
देखे जा सकते हैं ये परिवर्तन
जब कोई भी इंसान मानसिक तनाव से जूझ रहा होता है तो उसके व्यवहार में पहले की अपेक्षा कुछ बदलाव देखने को मिल जाते हैं. देखा जाये तो ऐसे लोग और लोगों से दूरी बना लेते हैं. खासकर अकेलेपन के साथी हो जाते हैं. ये ना आपको सोशल मीडिया में मिलेंगे और ना ही किसी चहल-पहल वातावरण में, ये अकेले रहना पसंद करते हैं और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करते हैं।
ऐसे कर सकते हैं बचाव
ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच रहें। अगर घर में कोई सदस्य इस समस्या से जूझ रहा है तो उस पर नकारात्मक प्रतिक्रिया ना दें. परिवार के साथ बैठकर परेशानी का हल निकालें. गुस्से पर काबू रखें. अपने आप को खुश रखने की कोशिश करें. जल्दी ही मनो चिकित्सक से संपर्क करें।