अमेठी। जनपद के विकासखंड भेटुआ ग्राम सभा कुडवा निवासी अर्जुन शुक्ल ने जिलाधिकारी महोदय से लिखित शिकायत किया है अमेठी- ग्राम कुड़वा तहसील व जनपद अमेठी मे चकबंदी प्रक्रिया का आरंभ 1995 मे हुआ था।लगभग 30वर्ष से चकबन्दी मे़ अभी तक धारा 52 का प्रकाशन नहीं हुआ है और चकबंदी प्रक्रिया चल रही है और अंतिम दौर मे है। भू- माफिया भ्रष्ट एवं घूसखोर चकबंदी कर्मचारियों कि साठ गांठ से सरकारी बेस कीमती जमीन हथियाने मे जूटे है। अधिकारी कुम्भकरणीय नींद मे सो रहे है और ग्राम सभा कि जमीनो कि बंदर बाँट हो रही है। गाटा संख्या 1066 ग्राम सभा कि संपत्ति है एवं चारागाह मे दर्ज है। कृष्ण देव पुत्र राम अंजोर ने फर्जी पट्टा दिखा कर अपने नाम करवा लिया। जब कि कानून है कि जो जमीन विशेष प्रयोजन हेतु छोड़ी गई है उसका पट्टा नहीं हो सकता है। उस जमीन का पट्टा करवा कर उसी पर अपनी चक बनवा लिया। कृष्ण देव कि मृत्यु के पश्चात उपरोक्त जमीन उनके लड़के सत्य प्रकाश शुक्ल एवं वेद प्रकाश शुक्ल के नाम आ गई।
इसी प्रकार गाटा संख्या 1033 बंजर खाते कि जमीन है। कृष्ण देव ने उसकी मालियत कम लगवा कर कानूनगो से मिलकर ग्राम प्रधान ननका के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर अपनी चक ले लिया। ग्राम प्रधान ने शपथ पत्र द्वारा अपने हस्थकक्षर से इनकार लिया है। गाटा संख्या 1031 प्राचीन परती है यहां सूरति राम शुक्ल के दरवाजे की जमीन है इसको भी कृष्ण देव ने फर्जी नक्से में बढ़वाया है जबकि 1995के पूर्ब का नक्सा और आज का नजरी नक्शा बड़ा हेर-फेर करके अपने नाम करवा लिया है। गाटा संख्या 1061 ग्राम सभा कि संपत्ति है। कानूनगो फर्जी का में माहिर हैं इसके पूर्व जगदीशपुर में चकबन्दी के दौरान सस्पेंड भी किया गया अब कुडवा ग्राम सभा में इनकी मिलीभगत से कृष्ण देव ने अपने चक मे शामिल करके अवैध कब्जा कर लिया है।
जिला अधिकारी ग्राम सभा कि संपत्ति का न्यासी होता है। जिलाधिकारी को दिनांक 27 अप्रैल 2022 को लिखित शिकायत कि गई। कर्मचारी से कोई जवाब मांगा गया। यदि जांच कि जाए तो ग्राम सभा कि और भी जमीने घूसखोर चकबंदी कर्मचारियों कि मिली भगत हड़पी जा चुकी है।अब देखना है सीधे साधे किसानो को न्याय मिलेगा या नही