सहारा जीवन न्यूज
अयोध्या:- वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ जनपद अयोध्या में भी ग्रीष्म लहर चलने के कारण जन स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। ग्रीष्म लहर के प्रबंधन एवं बचाव के संबंध में जनपद के समस्त सरकारी चिकित्सालयों को निर्देश दिये जा चुके हैं | साथ ही जनहित में लोगों को ग्रीष्म लहर से बचाव के तरीके भी बताये जा रहे हैं |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अजय राजा ने कहा कि ग्रीष्म लहर से बचाव के लिए शरीर में पानी की कमी न होने दें, प्यास न लगने की स्थिति में भी थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें| यात्रा करते समय पानी साथ रखें, ओआरएस घोल का प्रयोग करें और घर में बनाए हुए पेय पदार्थ जैसे नींबू पानी, लस्सी, फ्रूट जूस, मट्ठा आदि का सेवन हल्के नमक के साथ करें । अधिक पानी की मात्र वाले मौसमी फल एवं सब्जियां जैसे तरबूज, खरबूजा, संतरा, अंगूर, खीरा, अनानास, लौकी, ककड़ी इत्यादि का सेवन करें। शरीर को ढंक कर रखें, गर्मी के दौरान नर्म सूती एवं हल्के रंग के कपड़े पहने । जब भी बाहर निकले तो अपने सर को छतरी , टोपी अथवा तौलिया इत्यादि से ढंके । सतर्क रहें रेडियो,टेलीविजन, समाचार पत्र से मौसम संबंधी जानकारी रखें ।
बिना काम के घर से बाहर न निकले , हवादार ठण्डी जगह पर रहें। सीधी आने वाली सूरज की किरणें एवं ग्रीष्म लहर से बचें। जब बाहर तेज धूप हो तो दिन में घर की खिड़की एवं पर्दा बन्द रखें तथा रात में खोल दें। बाहर जाना हो तो सुबह अथवा शाम का समय चुने । लू से अत्यधिक प्रभावित होने वाले वर्ग- एक साल से कम आयु के बच्चे, गर्भवती स्त्रियों, मानसिक रोगी, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप से ग्रसित व्यक्ति पर विशेष ध्यान दें।
ग्रीष्म लहर से बचाव हेतु क्या न करें- दिन में 12.00 बजे से 3.00 बजे तक बाहर निकलने से बचें। दोपहर में मेहनत का काम करने से बचें। नंगे पैर बाहर न निकलें, दोपहर में खाना बनाने से बचें, अपने किचन की सभी खिड़की एवं दरवाजे खुले रखें। चाय, कॉफ़ी, शराब एवं अत्यधिक चीनी युक्त कार्बोनेटेड साफ्ट ड्रिंक इत्यादि लेने से बचें। अत्याधिक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ एवं रात का अथवा बहुत समय का रखा हुआ भोजन खाने से बचें। पार्किंग में खड़ी गाड़ी में बच्चों अथवा पालतू जानवरों को न छोड़ें क्योंकि वंहा का तापमान उनके लिए खतरनाक हो सकता है।
गर्मी का स्वास्थ्य पर प्रभाव एवं गर्मी से होने वाली बीमारियां-
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अजय राजा ने बताया कि मनुष्य का तामान 36.4 डिग्री से 37.2 डिग्री सेन्टीग्रेड तक रहता है। बाहर या भीतर के अधिक तापमान से मनुष्य प्रभावित होता है और उसे ग्रीष्म लहर से होने वाली बीमारियां हो सकती हैं, जैसे-शरीर पर चकत्ते पड़ना, हाथ-पैर व टखनों पर सूजन आना, बेहोश होना, हीट स्ट्रोक। अत्यधिक गर्मी से उसे गम्भीर बीमारियां जैसे-हृदय रोग, श्वसन रोग एवं किडनी की बीमारी हो सकती है।अगर आप या कोई और बीमार है या अत्यधिक गर्मी की वजह से परेशानी हो रही है तो-उसे तुरन्त ठन्डे स्थान पर ले जाना चाहिये और पीने के लिये , मुख्यतः पानी पेय पदार्थ दिया जाय । शरीर का तापमान मापना चाहिये, अगर दर्द के साथ मांसपेशियों में खिंचाव हो, खासकर पेट, पैर या बांह में तो तुरन्त ओ0आर0एस0 का घोल पिलायें और डाक्टर से सलाह लें।
हीट स्ट्रोक एक गम्भीर मेडिकल समस्या है, किसी भी वयस्क या बच्चे में निम्नलिखित लक्षण दिखने पर तुरन्त डाक्टर के पास जाना चाहिये –
वयस्क में होने वाले गम्भीर लक्षण- वयस्क में दीमागी परेशानी हो सकती है, मानसिक असंतुलन, चिड़चिडापन, सर में तेज दर्द, झटके आना, गर्म लाल व सूखी त्वचा, शारीरिक तापमान 40 डिग्री से अधिक, उल्टी, मितली, ह्रदय गति बढ़ना, बेहोशी आदि हो सकती है और व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है । बच्चों में पाये जाने वाले लक्षण- दूध या खाने-पीने से इंकार करता है। अधिक चिड़चिड़ापन होना, पेशाब कम होना, आंसू न आना, आँखें धंसी होना एवं मुंह का सूखना, थकावट, झटके आना, शरीर के किसी भी हिस्से से खून का आना।