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डेंगू के उपचार में समय का रखें विशेष ध्यान, देरी से हो सकता है नुक्सान

अंतर्राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर विशेष:
सहारा जीवन न्यूज
अमेठी 16 मई 2022 । अंतर्राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जगदीशपुर के प्रभारी डा. प्रदीप तिवारी ने बताया कि डेंगू बुख़ार एक संक्रमण है जो डेंगू वायरस के कारण होता है। डेंगू का इलाज समय पर करना बहुत जरुरी होता हैं।
डॉ. तिवारी ने बताया कि डेंगू मच्छर जनित बीमारी है । यह “हड्डीतोड़ बुख़ार” के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इससे पीड़ित लोगों को इतना अधिक दर्द हो सकता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट रही हों। डेंगू बुख़ार के लक्षणों में बुखार; सिरदर्द; त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते तथा मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द शामिल हैं।
उन्होने बताया कुछ लोगों में, डेंगू बुख़ार एक या दो ऐसे रूपों में हो सकता है जो जीवन के लिये खतरा हो सकते हैं। पहला, डेंगू रक्तस्रावी बुख़ार है, जिसके कारण रक्त वाहिकाओं में रक्तस्राव या रिसाव होता है तथा रक्त प्लेटलेट्स का स्तर कम होता है। दूसरा डेंगू शॉक सिंड्रोम है, जिसके खतरनाक रूप से निम्न रक्तचाप या रक्तचाप कम हो जाता है। उन्होंने बताया कि डेंगू वायरस से बचाने के लिये कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। डेंगू बुख़ार से लोगों को बचाने के लिये कुछ उपाय हैं, जो किये जाने चाहिये। लोग अपने को मच्छरों से बचा सकते हैं तथा उनसे काटे जाने की संख्या को सीमित कर सकते हैं। वैज्ञानिक मच्छरों के पनपने की जगहों को कम करने को कहते हैं। यदि किसी को डेंगू बुख़ार हो जाय तो वह आमतौर पर अपनी बीमारी के कम या सीमित होने तक पर्याप्त तरल पीकर ठीक हो सकता है। यदि व्यक्ति की स्थिति अधिक गंभीर है तो, उसे सूई या नलिका का उपयोग करते हुये शिराओं में दिया जाने वाला द्रव्य या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा रक्त देने की जरूरत हो सकती है।

डेंगू के लक्षण – डेंगू की शुरुआत तेज बुखार, सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में तेज दर्द, ठंड लगना, थकान, बुखार, या भूख न लगना, मितली, उल्टी, त्वचा पर लाल चकत्ते और भूख ना लगने जैसे लक्षणों से होती है।

डेंगू होने पर क्‍या खाएं –तरल पदार्थ जैसे , नारियल पानी आदि का सेवन करना लाभदायक होता है।

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