अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज़ डे पर नर्सो ने अपने साझा की मन की बात
सहारा जीवन न्यूज
अमेठी। जनपद में अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज़ डे के अवसर पर विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर कार्यरत नर्सो ने अपने मन के उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि समाजसेवा से बढ़ कर कोई सेवा नही है। व्यक्ति जब असहनीय दर्द से कराह रहा होता है तो उसे सान्त्वना देना ही सबसे बड़ी दवा होती है।
नर्सेज डे पर सीएससी अमेठी पर कार्यरत किरन श्रीवास्तव ने अपने मन की बात करते हुए बताया कि मुझे अपनी इस सेवा (नौकरी) पर बड़ा ही नाज है क्यो कि आज मैं लोगों के लिए कुछ कर रही हूं। समाज का अंतिम व्यक्ति अस्पताल में जब इलाज के लिए आता है तो उसका दर्द मैं अपना दर्द समझती हूं। किरण श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले कई वर्षो से सुल्तानपुर से प्रतिदिन आकर अमेठी के लोगो की सेवा कर रही हूं। लेकिन इन सबके बावजूद मैं अपने कर्तव्यों का निर्वाहन भली भांति करती हूं। मूल रूप से प्रयागराज जनपद की निवासी होने के बाद भी ससुराल वालों ने पढ़ाई को पूरी तवज्जो देते हुए मुझे इंदिरा गांधी स्कूल आफ नर्सिंग से पढ़ाया और विभाग में कार्यरत होने के बाद अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी से निभाती हूं। आज सीएससी अमेठी में 6 साल बीत रहे है, मैंने अपनी योग्यता से नर्स मेंटर के पद पर पंहुची हूं। मुझे ऐसा लगता है कि मेहनत से सफलता पाने में कोई दिक्कत नहीं होती है और आगे की भी राह आसान हो जाती है I कोविड के दौरान जब लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकलते थे, उस समय मैंने अपने घर को छोड़कर अस्पताल में ही रहकर बिना भेदभाव के लोगों की सेवा की। सीएससी में चलाये जा रही योजनाओं में अपना सहयोग प्रदान करती हैं। उन्होने बताया कि अमेठी सांसद दीदी स्मृति इरानी को अपना आदर्श मानती हूं।
रोशनी मिश्रा ने बताया कि नर्सो के कार्यक्षेत्र में बहुत सारी समस्याऐं भी हैं , इन सबके बावजूद लोगो की सेवा करने के बाद अपनी पीड़ा स्वतः ही समाप्त होने जैसा अहसास बना रहता है। अंशु प्रसाद अपने स्वभाव के कारण आज किसी परिचय की मोहताज नही है। सीएससी पर कार्यरत स्टाफ नर्स पूनम मिश्रा ने बताया कि खुद सात माह की गर्भवती होने के बावजूद अपनी एक साल की छोटी बेटी को घर पर छोड़कर अस्पताल में आने वाले मरीजों की सेवा में अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा से की। कोरोना काल में भी परिवार और नौकरी करना काफी कठिन था, उसके बाद भी लोगों की सेवा की। अस्पताल से वापस घर जाकर पूरी सावधानी बरतते हुए पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन किया। कोविड के दौरान पति भी कोराना पॉजिटिव हो गए फिर भी हिम्मत नहीं हारी, अपने पति को चिकित्सको की सलाह पर होम आइसोलेट करते हुए उनका ट्रीटमेंट किया। इस तरह के मुश्किल हालात में अपनी ड्यूटी और अपने पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन करने में पीछे नहीं हटी। इसी प्रकार अनसूया त्रिपाठी रेनू पटेल, सहित कई नर्सो ने अपनी अपने भाव व्यक्त किए और नर्सेज डे पर लोगों को बधाई दी। जनपद की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सीमा मेहरा ने अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस के उपलक्ष पर जनपद की समस्त नर्सों को अपनी हार्दिक शुभकामना देते हुए कहा है कि अपने कार्य के प्रति संवेदनशील रहें ताकि समाज को एक नई दिशा मिल सके।