SDM गौरीगंज प्रीति तिवारी का ऐतिहासिक फैसला — जामो के मकान नंबर 536 में फर्जीवाड़ा उजागर, माता प्रसाद पांडे को न्याय

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अमेठी। उपजिलाधिकारी (न्यायिक) गौरीगंज सुश्री प्रीति तिवारी ने ग्राम जामो के मकान नंबर 536 से जुड़े लंबे समय से चल रहे विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस फैसले से लगभग 8 वर्ष पुराना विवाद समाप्त हो गया और वादी माता प्रसाद पांडे को न्याय मिला है।

वाद संख्या आरएसटी 1982/2024, कंप्यूटरीकृत संख्या टी2024/08710101982, धारा 6(ए) उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1947 के अंतर्गत दर्ज था। वादी शिव महेश पांडे द्वारा यह दावा किया गया था कि मकान नंबर 536 उनका है, जबकि प्रतिवादी माता प्रसाद पांडे का कहना था कि उन्होंने यह भूमि वर्ष 1983 में 18,000 रुपये में लखपति देवी से खरीदी थी और उस पर चार कमरे, गैलरी और जीना बनवाया था।

न्यायालय में प्रस्तुत दस्तावेजों और सहायक विकास अधिकारी पंचायत जामो की रिपोर्ट में यह प्रमाणित हुआ कि शिव महेश पांडे एवं रमापति पांडे ने फर्जी आदेश के आधार पर ग्राम पंचायत अभिलेखों में अपना नाम दर्ज कराया था, जिसे 3 जुलाई 1996 को निरस्त कर दिया गया था।

SDM प्रीति तिवारी ने पाया कि वादी द्वारा पुनः अपील दायर करना 7 वर्ष विलंब से किया गया और उसमें कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं हुआ। न्यायालय ने यह माना कि यह वाद केवल प्रतिपक्ष को परेशान करने की नीयत से दायर किया गया था, इसलिए वादी पर ₹500 का अर्थदंड लगाते हुए मामला खारिज कर दिया गया।

इस निर्णय के बाद माता प्रसाद पांडे और उनके परिजनों ने गौरा हनुमानगढ़ी मंदिर जामो में प्रसाद वितरण कर न्याय की जीत का जश्न मनाया और SDM प्रीति तिवारी के निष्पक्ष निर्णय के लिए आभार व्यक्त किया।

Ashok Srivastava
Author: Ashok Srivastava

Amethi

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